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देशद्रोहियों के पक्षधर कपिल सिब्बल पर कार्रवाई जरूरी-



2017 के राममंदिर सुनवाई टालने के हिन्दू विरोधी बयान पर  हमला बोलते हुए गुजरात की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि आखिर 2019 में चुनाव कांग्रेस लड़ेगी या फिर सुन्नी वक्फ बोर्ड चुनाव लड़ेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा, ' मुझे इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है कि कपिल सिब्बल मुस्लिम समुदाय की तरफ से लड़ रहे हैं पर वह यह कैसे कह सकते हैं कि अगले चुनाव तक अयोध्या मामले का कोई हल नहीं होना चाहिए? इसका संबंध लोकसभा चुनाव से कैसे?

वैसे पेशे से वकील, कपिल सिब्बल देशद्रोही तत्वों की पैरवी करने के लिए कुख्यात हैं, देखें कुछ देशद्रोही तत्वों को जिनके वकील कपिल सिब्बल थे जैसे - संसद हमले का मुजरिम आतंकी अफज़ल गुरु, मुम्बई बम ब्लास्ट का आतंकी याकूब मेमन,  JNU का कन्हैया कुमार, JNU का अनिर्बान, JNU का खालिद से लेकर हार्दिक पटेल तक का बचाव दमदारी से करते नजर आते हैं और वहीं तीन तलाक और मंदिर विरोधी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सुन्नी वक्फ बोर्ड तक को समर्थन करने वाले कपिल सिब्बल पहली पंक्ति में खड़े नज़र आ चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह जी का एक पुराना बयान है, "जब भी कांग्रेस किसी मुद्दे पर एक अलग तरह का स्टैंड लेना चाहती है तब कपिल सिब्बल को ही आगें करती है। टू जी घोटाला हुआ तब भी, ज़ीरो लॉस थिअरी लेकर कपिल सिब्बल आगे आए थे और जब राम जन्मभूमि केस के रास्ते में रोड़े अटकाने हैं तब भी कपिल सिब्बल कांग्रेस पार्टी की ओर से सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के वकील के तौर पर आए हैं।'' जबकि कपिल सिब्बल की 2014 में उनके हिन्दू विरोधी होने की पुष्टि जैन मुनि तरूण सागर जी ने कर दी थी वो मामला यह था कि जब उन्हें पता चला की गौवधशाला यानि बूचड़खाना उनकी पत्नी के नाम है। कानून उनको या उनकी पत्नी को भले ही एशिया का सबसे बड़ा कत्लखाना खोलने से नहीं रोकता है लेकिन एक हिन्दू होने के नाते क्या उनको ऐसा करना चाहिए था? वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के समय श्री सिब्बल द्वारा दायर किए गए हलफनामे से पता चलता है साहिबाबाद स्थित एशिया का सबसे बड़ा बूचड़खाना जिसका नाम पहले अरिहंत एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड था की मालकिन कोई और नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की पत्नी थीं । 

विदित हो कि सबसे पहले यह गोवधशाला तब चर्चा में आया था जब इसका नाम अरिहंत एक्सपोर्ट प्राइवेट रखे जाने के खिलाफ राष्ट्र संत जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज ने ऐलान किया था कि वो २ अक्टूबर.2013 को अहमदाबाद मे लाखों लोगों की बड़ी रैली निकालेंगे और कांग्रेस को वोट न देने की अपील करेंगे। बाद में 16-17 सितंबर को दैनिक भास्कर में एक समाचार प्रकाशित हुआ जिसमें केप इंडिया के संयोजक डॉ.संदीप जैन ने एक बयान जारी कर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की पत्नी प्रोमिला सिब्बल द्वारा खोले गए बूचडख़ाने का नाम बदलने को जैन समाज की जीत बताया। डॉ.जैन ने बताया कि यह कारखाना साहिबाबाद में है और इसकी कंपनी अरिहंत एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय दिल्ली में है। उन्होंने बताया कि 24 जैन तीर्थंकरों को अरिहंत के नाम से जाना जाता है, इसलिए यह शब्द जैन धर्म में पूजनीय है। मांस के व्यापार वाली कम्पनी के नाम से अरिहंत शब्द जुडऩे से जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही थी। अब आप खुद निर्णय लीजिए कि कल जब पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम जिनपर देश को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है। भारत सरकार ने जिनके बंगले सील, खाते बेन व विदेश भागने पर रोक लगा दी है, वह कानून से भागे-भागे कहां गये कांग्रेस ऑफिस और जिनके पास खड़े थे यही महाशय कपिल सिब्बल। तो क्यों ना भारत सरकार को इन देशद्रोहियों के हाई प्रोफाइल पक्षकार पर भी शनि वक्र दृष्टि यानि कठोर कार्रवाई कर देनी चाहिए जिससे कोई भ्रष्टाचारी, देशविरोधी के यह पक्षकार भी उनकी वकालत के लिए उन्हें ना मिल सकें। 

-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

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