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तोड़ दो सीमायें सरकारें मौन रहेगीं--



तोड़ दो सीमायें सरकारें मौन रहेगीं-

हे! अतिमहाज्ञानी महापुरूषों आप भीम मानस, गीता, भीम कुरान, बाईबिल सब लिखो, हर भाषा में लिखो...मंदिर बनवाओ पुजो, पुजाओ... स्वतंत्र देश के महास्वतंत्र नागरिक हो.. आपके ही कारण सरकार का वोट प्रतिशत बढ़ता है.. आप चाहो तो अपने बल से अपने जातिगत आरक्षण को चार गुना बढ़वा लो.. सरकारें आपकी ही सुनेगी... पर कृपा करके भगवान को बुरा मत बोलो। हमारे देवी-देवताओं को चित्र में पेड़ से भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण जी को बांध कर अपमानित करते हुए जो दिखा रहे हो..भगवान शिव पर बैठ कर हिन्दू धर्म की खिल्ली उड़ा कर जो दिखा रहे हो...फिर चाहे शिव भक्तों कावड़ियों को निठल्ला कह कर हिन्दुत्व का भद्दा मजाक उड़ा रहे हो, क्या आप भगवान श्री हरि के पुत्र नहीं हैं? ..तो हरि से ऐसी नफरत क्यों?..आप कहेगें कि हमें समानता नहीं मिली? तो आप ही बताइए ऐसे कार्यों से समानता मिलेगी? सबका प्यार किसी धर्म के गलत चित्र बनाकर, गलत बातें लिखकर प्यार और सम्मान मिलेगा क्या? आप ही बताओ ऐसे घृणित कार्यों से हमारी एकता मजबूत होगी क्या? पर कुछ तथाकथित लोग हैं कि मानते ही नहीं.... पर आप.. टैंसन ना लो ये सब देख कर भी सरकारें मौन रहेगीं... अब आप अपनी सारी अभ्रदताओं की सारी सीमायें ही तोड़ दीजिए ,,,, क्योंकि आपकी इसी महान सोच को तो कल भारत सरकार को शोषित समझकर  पुरस्कृत करना है....हाँ... बिल्कुल पुरस्कार मिलेगा.. उनको वोट बहुत जरूरी है....भले ही सनातन धर्म संस्कृति का ही शोषण क्यों न हो जाये.. वह चौपट ही क्यों न हो जाये.... पर वो आखें मूँद कर बैठे हैं... क्योंकि उनको यह सब नहीं देखना... क्यों... क्योंकि वह सरकार हैं... और हम... हम सबसे बड़े बेवकूफ़ हैं... जिनके हाथ कानून नामक जंजीर से बांध दिए गयें हैं..... चाहे मंदिर टूटें, धर्म लुटे, गायें कटे, या लुटे बहनों की आबरू .... हम कुछ नहीं कर सकते... क्यों.. क्योंकि हम... सिर्फ़ जनता हैं.. वोटर हैं... जिन्हें वोट देने का अधिकार तो है पर इन अभ्रदताओं पर सच बोलने का हक नहीं...मतलब.... अरे!वही एक्ट... अब कुछ लोग मुझे पर्सनल पर आकर गालियाँ देगें...... अरे! दीजिए गालियाँ, क्योंकि इसके अलावा आप हम नारायण भक्तों को और दे भी क्या सकते हैं....मेरा मन बहुत दुखी है.. आगें लिखा नहीं जा रहा... 

   सत्यमेव जयते 
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

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