चित्रांश सभा औरैया ने किया ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना को सम्मानित -
जिला चित्रांश सभा औरैया का भव्य वार्षिकोत्सव -
औरैया उ. प्र - दिनांक 03नवम्बर 2019 को जिला चित्रांश सभा औरैया ने अपना वार्षिकोत्सव मनाया। इस आयोजन को सफल बनाने में संस्था के संरक्षक - ज्ञान सक्सेना, सुभाष श्रीवास्तव, कृष्ण चंद्र सक्सेना, डॉ. सर्वेश आर्य, बुद्धसेन सक्सेना, राकेश प्रकाश सक्सेना एडवोकेट व पदाधिकारी अखिलेश सक्सेना (अध्यक्ष), अनूप सक्सेना एडवोकेट (कार्यकारी अध्यक्ष), मनोज श्रीवास्तव (उपाध्यक्ष), दीपक श्रीवास्तव (उपाध्यक्ष), विकास सक्सेना(उपाध्यक्ष), संजीव कुमार सक्सेना (महामंत्री), राहुल सक्सेना(उपमंत्री), संतोष सक्सेना (कोषाध्यक्ष), राकेश श्रीवास्तव (उपकोषाध्यक्ष), संजीव सक्सेना (संगठन मंत्री), ग्रीस चंद्र सक्सेना (अंकेक्षक) एवं सदस्यगण राकेश कुलश्रेष्ठ, राजीव सक्सेना, दीपक बिसरिया, अनिल सक्सेना, अजय बिसरिया, सर्वेश सक्सेना ने, वार्षिकोत्सव का भव्य आयोजन किया।
इस अवसर पर संस्था ने आमंत्रित मुख्य अतिथि आर. के. सक्सेना (आईपीएस) व विशष्ट अतिथि बिमलेश श्रीवास्तव एवं विशेष आमंत्रित अतिथि मनोज सक्सेना (मत्स्य विभाग अधिकारी औरैया), स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव( जिला अभिहित अधिकारी, औरैया), आनन्द श्रीवास्तव (शाखा प्रबंधक पंजाब एंड सिंध बैंक औरैया), स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव का स्वागत सम्मान किया गया व इस भव्य समारोह का संचालन सलिल सक्सेना बड़ी ही खुशमिजाजी से किया। अरूण कुमार सक्सेना एवोकेट व राकेश प्रकाश सक्सेना एडवोकेट तथा महिला एवं पुरुष चित्रांश सभा औरैया ने उत्कृष्ट कार्यकर्ताओं को तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्राओं व छात्रों को एवं अपनी शैक्षिक परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले समस्त छात्राओं व छात्रों को व जिले की समस्त कायस्थ अधिकारीगण व कायस्थ प्रतिभाओं को आध्यात्मिक स्मृति चिह्न देकर सम्मानित एवं प्रोत्साहित किया । इस अवसर पर संस्था द्वारा आमंत्रित अखिल भारतीय कायस्थ महासभा दिल्ली की रा. युवा सचिव एवं सेलेब्रिटी ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना ने अपने भारतीय स्वंय सहायक कायस्थ जाति संघ परिवारीजनों को अपने इस्ट परमपिता परमात्मा श्री चित्रगुप्त जी के विश्व व्यापी प्रचार व प्रसार करते रहने का व उनके बनाये सद्मार्ग पर चलने का अनुरोध किया। संस्था के अध्यक्ष अखिलेश सक्सेना ने कहा कि स्वाधीनता व अनुशासन तथा संगठन एवं विकास हमारा मूलमंत्र है। यह कहते हुए वार्षिकोत्सव का समापन किया।
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