षड्यंत्रकारी वैश्विक महामारी - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
षड्यंत्रकारी वैश्विक महामारी
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ओ! विश्व के घुसपैठियों
अपनी आँखों का सुखा लो पानी।
इस कोरोना में जो शहीद हुए हैं,
उनकी मंहगी पडेगी कुर्बानी ।।
भारत के साथ सम्पूर्ण विश्व के समस्त सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीशों को, अपने देश की नागरिकता की प्रमाणित आईडी प्रूफ से वंचित, इन बदनियतिखोर एवं बदनीतिखोर, क्रूरराजनीतिक, षड्यंत्रकारी, विध्वंसकारी, विश्व के असंतुलनकारी, संक्रमणकारी मानसिकता के प्रकृति व विश्व के शांति और मानवता के दुश्मन इन वैश्विक घुसपैठियों के समस्त मानवाधिकार वैधानिक स्तर पर नष्ट कर इन अधर्मियों के लिए न्यायालय बंद कर देने चाहिए? क्या विश्व के मानवता के दुश्मनों के मानवाधिकार होते हैं? यह वैश्विक षड्यंत्रकारी कोरोना महामारी स्वंय पैदा नहीं हुई बल्कि हैवानियतभरी सोच की षड्यंत्रकारी मानसिकता की कालीउपज है। यह कोरोना महामारी एक देश से दूसरे देश व सम्पूर्ण विश्व में अपने कदमों से तो नहीं जा सकती बल्कि किसी भयंकर षड्यंत्र के तहत भेजी गयी और इन वैश्विक षड्यंत्रकारी घुसपैठियों के पाप की सारी सीमा लांघ डाली है। इन मानवता के दुश्मनों ने आज पूरी पृथ्वी की उन्नत मानव सभ्यता को खतरे में डाल दिया है। हम पूरे विश्व के सभी मानवीय संगठनों व सम्पूर्ण विश्व के सहृदय लोगों से बड़ी विनम्रता से सवाल पूछते हैं कि क्या इन भ्रमित करने वाले कोरोनावायरस रूपी घुसपैठियों के सिवाय, विश्व में किसी को जीने का हक नहीं है? हम वैश्विक खूफिया ऐजेंसियों व वैश्विक न्यायव्यवस्थाओं से विनम्रअपील करते हैं कि वह अपनी सम्पूर्ण शक्ति से इन षडयंत्रकारियों को बीन - बीन कर खोजकर इन्हें भयंकर कठोर दंड देकर मानव सभ्यता की रक्षा की जाये। हमने तो अपनी महान गौरवशाली भारतीय संस्कृति से यही सीखा है कि जब विश्व कठिन दौर से गुजर रहा हो तो विश्व के समस्त सहृदय लोगों को अपनी ओर से यथासम्भव तरीके तन, मन, धन व विचारों से अपना- अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
हे! सत्यस्वरूप परमात्मा आप मेरे सुन्दर पवित्र भारतभूमि व सम्पूर्ण विश्व की शांति की रक्षा करें।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
अपनी आँखों का सुखा लो पानी।
इस कोरोना में जो शहीद हुए हैं,
उनकी मंहगी पडेगी कुर्बानी ।।
भारत के साथ सम्पूर्ण विश्व के समस्त सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीशों को, अपने देश की नागरिकता की प्रमाणित आईडी प्रूफ से वंचित, इन बदनियतिखोर एवं बदनीतिखोर, क्रूरराजनीतिक, षड्यंत्रकारी, विध्वंसकारी, विश्व के असंतुलनकारी, संक्रमणकारी मानसिकता के प्रकृति व विश्व के शांति और मानवता के दुश्मन इन वैश्विक घुसपैठियों के समस्त मानवाधिकार वैधानिक स्तर पर नष्ट कर इन अधर्मियों के लिए न्यायालय बंद कर देने चाहिए? क्या विश्व के मानवता के दुश्मनों के मानवाधिकार होते हैं? यह वैश्विक षड्यंत्रकारी कोरोना महामारी स्वंय पैदा नहीं हुई बल्कि हैवानियतभरी सोच की षड्यंत्रकारी मानसिकता की कालीउपज है। यह कोरोना महामारी एक देश से दूसरे देश व सम्पूर्ण विश्व में अपने कदमों से तो नहीं जा सकती बल्कि किसी भयंकर षड्यंत्र के तहत भेजी गयी और इन वैश्विक षड्यंत्रकारी घुसपैठियों के पाप की सारी सीमा लांघ डाली है। इन मानवता के दुश्मनों ने आज पूरी पृथ्वी की उन्नत मानव सभ्यता को खतरे में डाल दिया है। हम पूरे विश्व के सभी मानवीय संगठनों व सम्पूर्ण विश्व के सहृदय लोगों से बड़ी विनम्रता से सवाल पूछते हैं कि क्या इन भ्रमित करने वाले कोरोनावायरस रूपी घुसपैठियों के सिवाय, विश्व में किसी को जीने का हक नहीं है? हम वैश्विक खूफिया ऐजेंसियों व वैश्विक न्यायव्यवस्थाओं से विनम्रअपील करते हैं कि वह अपनी सम्पूर्ण शक्ति से इन षडयंत्रकारियों को बीन - बीन कर खोजकर इन्हें भयंकर कठोर दंड देकर मानव सभ्यता की रक्षा की जाये। हमने तो अपनी महान गौरवशाली भारतीय संस्कृति से यही सीखा है कि जब विश्व कठिन दौर से गुजर रहा हो तो विश्व के समस्त सहृदय लोगों को अपनी ओर से यथासम्भव तरीके तन, मन, धन व विचारों से अपना- अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
हे! सत्यस्वरूप परमात्मा आप मेरे सुन्दर पवित्र भारतभूमि व सम्पूर्ण विश्व की शांति की रक्षा करें।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
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