प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि दीपक, कैण्डल जलायें तो विश्वास रखिये उनपर.. - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
उम्मीद का दीपक
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मोदीजी के कहने से दीपक मत जलाओ पर जो लोग कोरोना से निरपराध मारे गये उनकी आत्मा की शांति के लिए तो एक दिया व कैंडिल जला ही सकते हैं। कुछ तथाकथित लोग सरकार की जरा सी कमी पाकर छाती पीटकर कैंडल मार्च निकालते थे। सैकड़ों कैण्डल जला डालते थे पर आज उन्होंने देश की एकता दिखाने के लिए सिर्फ़ एक दीपक जलाने को कहा तो कुछ लोग उबल पड़े। प्रधानमंत्री जी से राजनीतिक बैर है तो बनाये रखो पर जरा उनकी बेबसी तो देखो कि वह कितने बेबस हैं। और अकेले वही नहीं पूरा विश्व बेबस खड़ा है। सोचिए! जब वह सभी राष्ट्राध्यक्ष से बातें करते होगें कि हमारे देश में इतने मर गये। तो क्या बीतती होगी।आज वह जिस कुर्सी पर शोभायमान हैं जिस पद की गरिमा बढ़ा रहे हैं। उस व्यक्ति की राष्ट्र चिंता और पीड़ा हम और आप नहीं समझ सकते। चिल्लाना अलग बात और झेलना अलग बात। आज पूरा शासन और प्रशासन हम आपकी रक्षा में लगा हुुआ है। वो दान की अपील भी करते हैं तो जनता में यथासंभव बांट भी रहे हैं। उनसे जो सम्भव हो पा रहा है, वो कर रहे हैं। देखो! भई आपके जो वैचारिक मतभेद हैं वो अपनी जगह हैं पर उनकी यानि आदरणीय प्रधानमंत्री जी की उम्र का लिहाज़ करते हुए कृपया उनको कोई भी भद्दी गाली मत दीजिए अनरगल मत कहिये।जब इस समय हम आप अपने घरों में अपने परिवार के साथ चैन की नींद सो रहे हैं तो हमारे प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री जी, सुरक्षाकर्मी, डाक्टर सब रातों जाग रहे हैं। लोग फेसबुक पर गालियाँ लिखते हुए कहते हैं तालियाँ और थालियां बजाने से क्या मिला? तो हम बस इतना ही कहेगें कुछ न भी मिला हो पर आपके घरों में जो छोटे मासूम बच्चे हैं वो तालियाँ - थालियां बजा कर कितने आनंद मगन हुए होगें, ये आपने महसूस किया होगा। क्या उनकी मीठी मुस्कान आपके लिए कोई मायने नहीं रखती? अब कुछ लोग दिया जलाने पर जलीकटी बातें लिख रहे, तो उनसे भी यही कहना चाहूंगी कि अपनी हमारी सब छोड़ो पर घर में जो छोटे बच्चे हैं वह थोड़ी देर दीपक, कैंडल, टार्च, मोबाईल फ्लैस, जलाकर आनंदित हो जायें तो क्या यह हमारे लिये अनमोल नहीं है। आप सब प्रबुद्ध लोग हैं आप सब देख ही रहे हैं कि पूरे विश्व में नकारात्मकता रूपी अंधकारमय महामारी फैली हुई है। ऐसे में हम सबको एक होकर इस निगेटिविटी का सामना करना है। पूरी ईमानदारी से लॉकडाउन व सोसल डिस्टेंस मेंटेन करना है। हमें विश्वास है कि हम सब के घरोंं के छोटे-छोटे बच्चे, हम आप सब सपरिवार मिलजुलकर अगर उस प्रकाश स्वरूप सर्वशक्तिमान परमात्मा से सम्पूर्ण विश्व की रक्षा की कामना करेगें तो परमात्मा हम सब की पुकार जरूर सुनेगें। क्योंकि जलता हुआ दीपक एक खूबसूरत उम्मीद का प्रतीक है कि जल्द ही यह कोरोनारूपी काली रात भी बीतेगी और जरूर बीतेगी। साथियों! अपना भारत तो उस परमसत्ता को मानने वाले आस्तिकों का यानि आध्यात्मिकता का केन्द्र रहा है और आज भी है। इस दुख की घड़ी में स्वंय को अपने-अपने आराध्य से जोड़े रखो बस स्वंय को नास्तिक मत होने देना। इस विश्वास के साथ कि परमदयालुु परमसत्ता हम सबको इस महादुख से शीघ्र उबार लेगी और जो भी कोरोना की भेंट चढ़़ गये वो सब उस परमसत्ता की विराट गोद में स्थान पायेगें।
हे! सर्वशक्तिमान परमात्मा सम्पूर्ण विश्व की रक्षा करें।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
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