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सावधान! सोसलमीडिया पर रहें सुरक्षित - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

 



सावधान! सोसलमीडिया पर रहें सुरक्षित

[जब - जब हम अपनी भावनाओं पर अपना संतुलन खोते रहेगें तब - तब हम बुराई का शिकार होते रहेगें] 

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मेरे सम्मानीय भाई, बहनों, मेरे दोस्तों! इस सोसलमीडिया पर आप जल्दी किसी पर भरोसा करके उसके लिये अपना भोजन, अपनी नीदें, अपना समय, अपने दिन-रात खपा मत देना और एक बात का हमेशा ध्यान रखना कि आप जिस भी चाहे वह सामाजिक संगठन हो, धार्मिक संगठन हो, राजनैतिक संगठन हो या आपकी कम्पनी हो, ऑफिस हो, आप ने महसूस किया होगा कि हम आप संगठन व किसी संस्था में जुड़ते हैं तो आप उस पल की खुशी में तुरंत किसी अनजान व्यक्ति को अपना मित्र मानकर उस संस्था में तुरंत जोड़ देते हैं और दया करके दो - पांच हजार की मदद तक करवा देते हैं बिना यह सोचे कि वह व्यक्ति उस मदद का पात्र है भी की नहीं। आपके मन में करूणा होती है कि वह खुश रहे फिर आप व्हाट्सएप ग्रुप में उसे एडमिन तक बना देते हो कि वह खुश रहे पर आपको यह कभी पता नहीं चलता कि कुछ समय बाद उस संगठन में उस संस्था में झगड़े की वजह क्या है? आखिर! षड्यंत्रकारी कौन है? तो यह षड्यंत्रकारी कोई और नहीं वही शख्स होता है जो आपके विश्वासरूपी कंधे पर पांव रख कर ऊपर चढ़ गया होता है और उसी व्हाट्सएप ग्रुप से एडमिन नहीं पूरा प्रधानमंत्री बन चुका होता है, वही आपको बातें भी सुनायेगा कि तुममे कॉंफीडेंस की कमी है और वही तुम्हारा पत्ता साफ करा के एक दिन तुम्हारी ही जगह यानि तुम्हारे ही पद पर बैठा पाया जायेगा। आप सोच रहे होगें कि उस तथाकथित संगठन के अध्यक्ष क्यों चुप रहते हैं तो उस तथाकथित अध्यक्ष को अपने नीचे इसी तरह के चापलूस चाहिये होते हैं और चापलूसों को कुछ पैसे, कुछ दो चार सम्मान पत्र व पद चाहिये होता है और वह चापलूस तब तक चैन से नहीं बैठता जब तक वह आपका वाला पद और स्थान न पा ले, यही इन चापलूसों का यही एकमात्र उद्देश्य होता है। लोग कहते हैं उन्हें सच्चे और ईमानदार लोग चाहिये पर सत्य की ऊर्जा को वह बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें अपने नीचे बेवकूफ़ चाहिये जो सिर्फ़ उनकी जीहुजूरी करें यानि गुलामी करें। 

इतिहास गवाह है जिस संगठन में जितने ज्यादा चापलूस होगें उस संगठन की उम्र उतनी ही कम होगी। भविष्य में अगर इन्हीं चापलूसों की गड़बड़ी के कारण संगठन में दिक्कत आती है तो सारी आफत का ठीकरा भी आपके सिर ही फोड़ा भी जाता है और आपका व उस संगठन के अध्यक्ष से आपके सम्बन्ध पूरी तरह खराब हो जाते हैं। यही तो वह चापलूस चाहता था। अब इस सब में गल्ती उसकी नहीं बल्कि अपने जल्दबाजी में किये विश्वास की है।हमारे ही गलत निर्णय व चुनाव की है। इसलिए किसी भी अनजान व्यक्ति की मदद करते समय सौ बार परखो, जांचों,आंकों तब अपना दिल, दिमाग किसी के लिए यूज करो वरना लोग हम आपको कब यूज करके निकल जाते हैं, यह हम लोगों को पता ही नहीं चलता और जब पूरे खेल का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और आंख में आये आंसू को भी आंख में ही दफ्न करना पड़ जाता है कि गलत व्यक्ति के लिए क्यों रोया जाये। सच तो यह है कि जब - जब हम अपनी भावनाओं पर अपना कंट्रोल खोते रहेगें तब - तब हम बुराई का शिकार होते रहेगें। 

इसलिए कृपया सोसलमीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति पर आंख मूंदकर भरोसा मत करें तथा फेक और फालतू लोगों पर अपनी भावनाएं और अपना समय बिल्कुल बर्बाद न करें वरना यह लोग आपको मानसिक, शारीरिक व आर्थिक हर तरह से ले डूबेगें। 

कृपया सजग रहें, सुरक्षित रहें और अपनी महत्वपूर्ण घरेलू जानकारियां सोसलमीडिया पर शेयर करने से बचें, किसी पर भी भरोसा करने में जल्दबाज़ी बिल्कुल मत करें बाकि आप खुद समझदार हैं। 


-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

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