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आज वैशाखी, महावीर जयंती, सत्तूदान महापर्व महत्व



वैशाखी महापर्व और महावीर जयंती महापर्व की और सत्तूदान पूजन महापर्व की आप सभी शुभचिंतकों को हार्दिक बधाईयाँ।आज के सभी पर्वों - उत्सवों - जयंती से प्रेरणा लेने का शुभ दिवस 💐🙏

वैशाखी का त्योहार देश - दुनिया के प्रत्येक किसान की अथक मेहनत और सम्मान को समर्पित त्योहार है। इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह ने गुरुओं की वंशावली को समाप्त कर दिया. इसके बाद सिख धर्म के लोगों ने गुरु ग्रंथ साहिब को अपना मार्गदर्शक बनाया. बैसाखी के दिन ही सिख लोगों ने अपना सरनेम सिंह (शेर) को स्वीकार किया. दरअसल यह टाइटल गुरु गोबिंद सिंह के नाम से आया है. इसी दिन पंजाब में नये साल की शुरूआत होती है। इस दिन पर गुरू ग्रंथ साहिब के दर पर उनका आशीर्वाद पाने के लिए अनेकों श्रद्धालु पहुंचते हैं क्योंकि सिक्ख गुरूओं, गुरु यानि भगवान, ने हमेशा ही दुनिया को प्रेम, शांति और दान, सहयोग की शिक्षा दी। पूरी दुनिया में चलने वाले लंगर उसी महान शिक्षा, सीख की देन है। बल्कि देखा जाये तो सिक्ख गुरूओं यानि गुरू अर्जुनदेवजी के साथ लोगों ने कितना बुरा किया वह लाख यातनाएं सहते हुए भी वह यही कहते रहे कि तेरा भाना मीठा लागे........ हे! सर्वशक्तिमान आप जो कुछ भी कर रहे हैं सब मुझे मीठा लग रहा है... .सब मुझे स्वीकार है.. उन्होंने ऊपरवाले से कोई शिकायत न करने की सीख दी.. कितना सुन्दर भाव जो हृदय में उतर जाता है 

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महावीर जयंती - भगवान महावीर ने पांच सिद्धांत बताए, जो समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति की ओर ले जाते हैं। यह सिद्धांत हैं- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह। कल की ही खबर है जब जैन धर्म के दुकानदारों ने मार्मिक होते हुए कहा कि हम लोग अपनी-अपनी दुकानों पर कीटनाशक दवाईयां, स्पे आदि कुछ नहीं बेचेंगे, नहीं नहीं हम जीव ह त्या का सामान नहीं बेचेगें। हम भगवान महावीर जी के बताये अंहिसा के रास्ते पर चलेगें। भगवान महावीर ने अपने पूरे जीवन में प्रेम शांति और अहिंसा का उपदेश किया, धन्य है आपका जीवन। 🙏💐

सत्तूदान - 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इसी के उपलक्ष्य में यह त्योहार मनाया जाता है. इस दिन पेड़ में बासी जल डालने की भी परंपरा है. जुड़ शीतल का त्योहार बिहार में हर्षोलास के साथ मनाया जाता है.पर्व के एक दिन पूर्व मिट्टी के घड़े या शंख जल को ढंककर रखा जाता है, फिर जुड़ शीतल के दिन सुबह उठकर पूरे घर में जल का छींटा देते हैं। मान्यता है की बासी जल के छींटे से पूरा घर और आंगन शुद्ध हो जाता है. ये भी मान्यता है की जब सूर्य मीन राशि को त्याग कर मेष राशि में प्रवेश करता है तो उसके पुण्यकाल में सूर्य और चंद्र की रश्मियों से अमृतधारा की वर्षा होती है, जो आरोग्यवर्धक होता है. इसलिए इस दिन लोग बासी खाना भी खाते हैं. बसौड़ा पर्व भी कुछ लोग नाम देते हैं कि अन्न का सम्मान करें। 


बता दें कि भागलपुर जिले समेत पूरे अंगप्रदेश में इस लोकपर्व को सत्तूदान, सतुआनी व सिरुआ-विशुवा पर्व के नाम जानते हैं जिसमें अपने पूर्वजों की याद में थाली में पांच दीपक प्रज्वलित करके अग्निदेव को साक्षी मानकर सत्तू /भुने चने+जौ के आटे का दान किया जाता है।
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आर्यभट्ट जयंती - महान वैदिक गणितज्ञ, महान खगोलशास्त्री एवम् दुनिया को सर्वप्रथम शून्य के विषय में तथा ग्रहों के विषय में गहन जानकारी देने वाले देव स्वरूप महामानव आर्यभट्ट जी की जयंती पर सादर नमन है।🙏💐

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