आज है - महावीर जयंती महापर्व (जियो और जीने दो)
आज है - महावीर जयंती महापर्व
हमारे देश भारत जैसा खूबसूरत देश शायद ही कोई हो जहां हर पल बदलता मौसम, रंग बिरंगी ऋतुएं उसी के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के अप्रतिम त्यौहारों की रौनक, सुन्दर रसीले पकवानों की मुंह में पानी लाने वाला श्वाद- खुशबू और आध्यात्म के संगीत से सराबोर प्रेम और सौहार्द का सुन्दर माहौल बना रहता है तभी तो भारतवर्ष को गुलदस्ता कहा जाता है।
इसी क्रम में आज का दिन हमारे जैन धर्म के महानतम् 24वें तीर्थकार प्रभु महावीर स्वामी जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन हुआ था। इस बार यह तिथि आज यानि 17 अप्रैल दिन बुधवार को है।
प्रभु महावीर स्वामी जी ने अपने सम्पूर्ण जीवन में पूरे समाज को हमेशा सत्य और अंहिसा का मार्ग दिखाया है। उन्होंने हमेशा (जियो और जीने दो) का संदेश अपनाया।
महावीर स्वामी जी ने कहा है कि मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म अहिंसा है। अत: हमें हमेशा जियो और जीने दो के संदेश पर अमल करना और कायम रहना चाहिए। उन्होंने कहा है कि
हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव ही अहिंसा है। घृणा से हम ना केवल अपना विनाश करते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी कष्टकारी हो सकता है।
उनके अनमोल वचनों में यह भी कहा गया है कि
हम मनुष्यों के हमेशा दुखी होने की वजह खुद की गलतियां ही हैं, जो मनुष्य अपनी गलतियों पर नियंत्रण पा लेता है। वही मनुष्य सच्चे सुख की प्राप्ति कर सकता है। वो कहते हैं कि क्यों पाप करने की सोचते हो किसलिये-
आप सब मनुष्यों की आत्मा अपने आप में सर्वज्ञ (परिपूर्ण) और आनंदमय है। आनंद को कभी बाहर से प्राप्त नहीं किया जा सकता। आत्मा अकेले आती है और अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है और न ही कोई उसका मित्र बनता है।
हमारा देश महान इसीलिए है क्योंकि भारत भूमि पर अनेकों दिव्य आत्माओं ने जन्म लिया और चहुँओर प्रेम और शांति का ही संदेश दिया। हम सब को अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धावान होना चाहिए तभी हम हमारी अनमोल विरासत भारतीय संस्कृति की रक्षा कर सकेगें।
आप सभी शुभचिंतकों को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। 🙏🌼जय जिनेद्र 🌼🙏
सभी का मंगल हो
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
हमारे देश भारत जैसा खूबसूरत देश शायद ही कोई हो जहां हर पल बदलता मौसम, रंग बिरंगी ऋतुएं उसी के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के अप्रतिम त्यौहारों की रौनक, सुन्दर रसीले पकवानों की मुंह में पानी लाने वाला श्वाद- खुशबू और आध्यात्म के संगीत से सराबोर प्रेम और सौहार्द का सुन्दर माहौल बना रहता है तभी तो भारतवर्ष को गुलदस्ता कहा जाता है।
इसी क्रम में आज का दिन हमारे जैन धर्म के महानतम् 24वें तीर्थकार प्रभु महावीर स्वामी जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन हुआ था। इस बार यह तिथि आज यानि 17 अप्रैल दिन बुधवार को है।
जैन मान्यताओं के अनुसार इस दिव्य आत्मा का जन्म बिहार के कुंडलपुर के राज परिवार में हुआ था जिनका बचपन का नाम 'वर्धमान' था।
ऐसा कहा जाता है कि इन्होंने 30 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और दीक्षा लेने के बाद 12 साल की बेहद कठिन तपस्या की और आध्यात्म को यानि स्वंय की खोज की व पूरी दुनिया को ज्ञान और वैराग्य व अहिंसा की शिक्षा दी।
प्रभु महावीर स्वामी जी ने अपने सम्पूर्ण जीवन में पूरे समाज को हमेशा सत्य और अंहिसा का मार्ग दिखाया है। उन्होंने हमेशा (जियो और जीने दो) का संदेश अपनाया।
महावीर स्वामी जी ने कहा है कि मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म अहिंसा है। अत: हमें हमेशा जियो और जीने दो के संदेश पर अमल करना और कायम रहना चाहिए। उन्होंने कहा है कि
हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव ही अहिंसा है। घृणा से हम ना केवल अपना विनाश करते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी कष्टकारी हो सकता है।
उनके अनमोल वचनों में यह भी कहा गया है कि
हम मनुष्यों के हमेशा दुखी होने की वजह खुद की गलतियां ही हैं, जो मनुष्य अपनी गलतियों पर नियंत्रण पा लेता है। वही मनुष्य सच्चे सुख की प्राप्ति कर सकता है। वो कहते हैं कि क्यों पाप करने की सोचते हो किसलिये-
आप सब मनुष्यों की आत्मा अपने आप में सर्वज्ञ (परिपूर्ण) और आनंदमय है। आनंद को कभी बाहर से प्राप्त नहीं किया जा सकता। आत्मा अकेले आती है और अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है और न ही कोई उसका मित्र बनता है।
हमारा देश महान इसीलिए है क्योंकि भारत भूमि पर अनेकों दिव्य आत्माओं ने जन्म लिया और चहुँओर प्रेम और शांति का ही संदेश दिया। हम सब को अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धावान होना चाहिए तभी हम हमारी अनमोल विरासत भारतीय संस्कृति की रक्षा कर सकेगें।
आप सभी शुभचिंतकों को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। 🙏🌼जय जिनेद्र 🌼🙏
सभी का मंगल हो
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
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