भलाई कभी भी तबाही नहीं लाती
भलाई कभी भी तबाही नहीं लाती
यह काल के हाथ भी मारी नहीं जाती
#भलाई
भलाई कभी भी तबाही नहीं लाती
और न किसी को लाने, आने देती है।
गुलामों की बस्ती में
गुलामों की बस्ती में वफादार का मकान पूछते हो?
ऐ! इंसान तुम गूंगा सवाल पूछते होयहां भरमार है लालची कैंचियों कीतुम यहां सत्य का हालचाल पूछते हो_ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना05/01 /2023
अंगूठा मांग लेना का मतलब है शपथ।
ग्रथों में सांकेतिक भाषा है। वही ताड़न के अधिकारी.. में ताड़ना मतलब..
गहन दृष्टि रखना......बुरे कर्म करने वाले लोगों को नीच कहा जाता है रेपिस्टों आदि को....अन्यथा परमात्मा की सभी संताने महाउच्च हैं....
सब बेहतरीन हैं।
जिनका वोट बैंक ज्यादा..नेता उनके पार्टी उनकी।यहां सत्य असत्य भी एक पलड़े में तोल दिये जाते हैं।नेताओं के लिए सत्ता से बढ़कर कुछ भी नहीं।उनकी हृदय चीरती वोट पाने की महत्वाकांक्षाका जनता के दर्द से कोई सरोकार नहीं।उनके लिए यह मूल्यहीन है।जब तक कि चुनाव निकट न हो।
जिनका वोट बैंक ज्यादा.. नेता उनके पार्टी उनकी। यहां सत्य असत्य भी एक पलड़े में तोल दिये जाते हैं।नेताओं के लिए सत्ता से बढ़कर कुछ भी नहीं। उनकी हृदय चीरती वोट पाने की महत्वाकांक्षा का जनता के दर्द से कोई सरोकार नहीं। उनके लिए यह मूल्यहीन है। जब तक कि चुनाव निकट न हो।इसी दुविधा में वोटर और नेता एक दूसरे को दूर से देखते रहते हैं। बाद में ठीकरा कोर्ट पर फोड़ते हैं। और कोर्ट नेताओं पर। सबमिलकर सिस्टम को कोसते हैं। बस ऐसे ही नेता करोड़ों की सम्पत्तियां बनाते हैं और जनता को पंगु व मूर्ख। कहते हैं लोकतंत्र है। सच पूछो तो इन्हें न लोक का पता होता है और न हि तंत्र की कोई जानकारी। अंत में दोषी जनता को ठहराते हैं और व्यंग वाण चलाते हुए कहते हैं कि तुम ही तो हो जो हमें नेता बनाते हो।
_ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
05:52 pm 10/01/2023
_ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
No comments