कानून की लचरता और हमारी कायरता कहीं समाज को बालविवाह की ओर ना धकेल दे- ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
अपराध से पूर्णतः मुक्ति तभी मिल सकती जब अपराधियों को मौत का डर हो। मैं तो साफ कहतीं हूं कि आप हर जिले में फांसीघर खोल दीजिये और आप 5-10 साल की सजा याफिर उम्रकैद ना देकर सिर्फ़ फांसी देना शुरू कर दीजिए और फिर देखिए! अपराध की रेटिंग शून्य पर होगी... कितना दु:खद है कि जिसकी बेटी के साथ हैवानियत हो गई वो दुनिया छोड़ कर चली गई और उम्रकैद में गुनाहगार जिंदा रहता...? कई बार तो बेल भी मिल जाती...
क्या यही है हमारा कानून और न्याय? क्या आम जनता इसलिए अपना अनमोल वोट देती है? हमें सोचना ही नहीं होगा, हमें हमारी बात वहां तक पहुंचानी होगी जिससे देश की बेटियां सुरक्षित हों और देश मजबूत हो।
क्या यही है हमारा कानून और न्याय? क्या आम जनता इसलिए अपना अनमोल वोट देती है? हमें सोचना ही नहीं होगा, हमें हमारी बात वहां तक पहुंचानी होगी जिससे देश की बेटियां सुरक्षित हों और देश मजबूत हो।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
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